एक जादू की पुड़िया सी ,
तुम ,
गुम कर देती हो सारे गम !
तेरी हंसी ,
एक झरने सी ,
दर्द मिटा सी जाती है ,
क्लांत चेहरे से मेरे ,
थकन जैसे छू हो जाती है ,
ऊर्जा भर जाती हो ,
तुम !
तेरी बातें ,
गुड़ की डली सी
मीठा स्रोत कहीं से फूटा हो ,
मैंने आँचल में अपने, जैसे ,
दुनियाँ का खज़ाना लूटा हो ,
सब जगमग कर जाती हो ,
तुम !
–अमृता श्री
माँ की ममता की बहुत प्यार भरी अभिव्यक्ति है 🙂
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